कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र हुआ प्रारम्भ

झारखण्ड/पाकुड़, अमडा़पाडा़ (सौरव भगत) : ज़िले के अमड़ापाड़ा प्रखंड मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर दूर डुमरचीर गांव के आदमी जनजाति बहुल क्षेत्र पहाड़िया टोला स्थित वैष्णवी दुर्गा माता मंदिर में रविवार को चैत्र नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो गया।
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आज चैत्र नवरात्र के पहले दिन पूरे विधि विधान के साथ मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। मौके पर पुरोहित सह जजमान विजय पहाड़ियां के द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ वेदी पूजन-अर्चना किया गया। साथ ही सभी देवी देवता का आह्वान कर पूजन किया गया। साथ ही चैत्र नवरात्र व्रत का संकल्प किया गया।
वहीं संकल्प के बाद पाठ को प्रारंभ किया गया। वहीं पूजन के बाद पुष्पांजलि व आरती की गई। तत्पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। जय माता दी के जयघोष से पूरा इलाका भक्तीमय माहौल में सराबोर हो गया।ज्ञात हो कि मंदिर में माता रानी की प्रतिमा बनाई गए हैं। मौके पर पुरोहित सह जजमान ने बताया कि यह पूजा मेरे पूर्वजों से होते आ रहा है। पहले मेरे पिताजी और मां करवाते थे। अब उनलोगों के गुजर जाने के बाद यह पूजा हम अपने से अकेले करते हैं। मेरे पिताजी यह पूजा लगभग 2001 से पुआल और बांस से बना झोपड़ी में मां दुर्गा की पूजा करते थे। अब माता रानी की असीम अनुकम्पा से समय के साथ-साथ मां के इस मंदिर का स्वरूप बदला है। लगभग वर्ष 2010 में जगत जननी मां दुर्गा की कृपा से पक्के का मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण कर मां दुर्गा को स्थान दिया गया है।
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बताते चले की चैत्र नवरात्र के पहले दिन से मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यता यह है कि हिमालय की पुत्री होने के कारण माता रानी को शैल की पुत्री कहा जाता है और इनकी पूजा अर्चना करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।