गोलीकांड : पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की दिनदहाड़े कांके में गोली मारकर हत्या

झारखण्ड/रांची : अनिल टाइगर, जो रांची के कांके इलाके के निवासी और जिला परिषद के पूर्व सदस्य थे, राजनीतिक रूप से भी काफी सक्रिय रहे। उन्होंने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सक्रिय रूप से राजनीति की थी उनके दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
राजधानी रांची में एक बार फिर गोलीबारी की घटना घटी। क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। कांके थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की हत्या गोली मारकर किया गया। यह घटना आज बुधवार को सुबह की है। कांके थाना क्षेत्र के कांके चौक के पास अज्ञात बाइक सवार ने अनिल महतो पर सामने से गोली चलाई। कनपटी पर सटाकर गोली चलाई गई। गोली चलाने के बाद अपराधी फरार निकले। आनन-फानन में रिम्स अस्पताल में एडमिट किया गया।
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अपराधी बेलगाम है और सरकार प्रशासन पंगु : संजय सेठ
भाजपा रांची ग्रामीण जिला के महामंत्री, रामनवमी समिति, कांके के अध्यक्ष और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल महतो टाइगर की हत्या पर रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। श्री सेठ ने कहा है कि यह घटना हतप्रभ करने वाली बात है। कांके चौक पर दिनदहाड़े वरिष्ठ और सक्रिय नेता की हत्या हो जाती है। बीच चौराहे पर अपराधी गोली मार के चल देते हैं और पुलिस प्रशासन हाथ पैर हाथ धरे बैठा रह जाता है। राजधानी रांची में पुलिसिंग पूरी तरह फेल हो चुकी है। अपराधियों में पुलिस प्रशासन का खौफ समाप्त हो चुका है। इस घटना ने एक बार फिर से प्रमाणित कर दिया कि शहर में कोई सुरक्षित नहीं है।
अनिल महतो टाइगर की हत्या निरंकुश हो चुके अपराधियों ने अंजाम दिया है। एक तरफ झारखंड का विधानसभा सत्र चल रहा है, दूसरी तरफ इतनी बड़ी घटना को अपराधी अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। यह राज्य सरकार पर बड़ा सवाल है। झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल है और रांची जिला प्रशासन पर भी सवाल है।
आक्रोश भरे लहजे में रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि 24 घंटे के अंदर अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री खुद इस मामल में हस्तक्षेप करें। रांची में पुलिसिंग व्यवस्था की समीक्षा हो और पुलिस पदाधिकारी पर भी कार्रवाई हो। अपराधियों पर भी कार्रवाई हो और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि यह सरकार ऐसा नहीं कर सकती है तो सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।