मुस्लिमों ने खुद गिराई 1857 में बनी ब्रिटिशकालीन मस्जिद

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मेरठ में रैपिड कॉरिडोर बनाने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके चलते दिल्ली रोड स्थित पुरानी चुंगी मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिम समाज ने खुद पहल कर दी है।

 

 

इस मस्जिद का ब्रिटिशकालीन होने का दावा किया जा रहा है। जिस जगह यह मस्जिद है वहां से अंडरग्राउंड रैपिड और मैट्रो गुजरेगी। सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण में बीच मार्ग स्थित यह मस्जिद हटाई जा रही है।

 

 

गुरुवार में एनसीआरटीसी और प्रशासन के अधिकारियों ने मस्जिद के इमाम और जिम्मेदार लोगों से वार्ता करके खुद मस्जिद हटाने की अपील की थी और उन्हें समझाया था कि वह खुद से मस्जिद नही हटाएंगे तो बाबा का बुल्डोजर चल जाएगा।

शुक्रवार की सुबह मस्जिद से जुड़े लोगो ने स्वेच्छा से हथौड़ा चलाकर मस्जिद हटाने की शुरुआत कर दी है। हालांकि मुस्लिम समाज की मांग है कि मस्जिद के लिए अन्यत्र स्थान या मुआवजा दिया जाए। वही प्रशासन इसके लिए पीडब्ल्यूडी और एनसीआरटीसी से बात कर रहा है।

 

 

1857 में बनी थी यह मस्जिद : मेरठ थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र के अंतर्गत दिल्ली रोड पर लगभग 50 गज एरिया में एक इबादत के लिए मस्जिद बनी हुई है, मस्जिद से जुड़ा करीब 2500 गज का एरिया है। मुस्लिम समाज के मुताबिक यह मस्जिद 1857 में बनी है। वर्तमान में यह सड़क पर आ रही है, सड़क चौड़ीकरण में यह बाधा साबित हो रही है। जिसके चलते पुलिस-प्रशासन की टीम ने ईरा माल के सामने बनी चुंगी मस्जिद के इमाम और जिम्मेदार लोगों से संपर्क साधा और मस्जिद हटाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद शुक्रवार की सुबह मस्जिद पर हथौड़ा चलता दिखाई दिया इस मस्जिद में मुख्य द्वार, बिजली-पानी पूर्व में ही कट चुके है। आज मस्जिद के मुतवल्ली ने दो मजदूर लगाकर इसका ध्वस्तीकरण शुरू करवा दिया है।

 

 

 

मेरठ-दिल्ली रोड की सड़क पर आ रही मस्जिद को हटाने की मांग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) अधिकारी लगातार कर रहे थे। इसी कड़ी में एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह एनसीआरटीसी अधिकारियों के मस्जिद के इमाम और जिम्मेदार लोगों से मिले और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी सहमति से मस्जिद हटाने के लिए समझाया। रैपिड कॉरिडोर के निर्माण में मस्जिद को हटाया जाना जरूरी है।

 

 

मुस्लिम समाज ने मांगा मुआवजा : स्थानीय मुस्लिम समाज और मस्जिद के जिम्मेदार हाजी स्वालेहिन ने मीडिया को बताया कि कुछ लोग मुतवल्ली के पास आए थे और उनसे बातचीत की और चले गए। यह अंग्रेजों के समय की मस्जिद है। 1857 से इसका अस्तित्व है, बैनामा भी है। मस्जिद के मुतवल्ली के पास नोटिस आया है, उनकी तबीयत भी खराब हो रही है।

 

 

 

वसीम और नावेद ने भी बातचीत में कहा कि हम लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण में मस्जिद हटा देंगे, लेकिन सरकार हमें मस्जिद के बदले में दूसरी जगह दे दे या मुआवजा दे ताकि स्थानीय लोगों की इबादत के लिए मस्जिद बनाई जा सके। एडीएम सिटी बृजेश सिंह ने मीडिया को बताया कि खुद मुस्लिम समाज मस्जिद हटा रहा है, जगह के लिए पीडब्ल्यूडी से बातचीत की जाएगी। वहीं, संतोष की बात यह है कि अमन-चैन बरकरार रखते हुए मुस्लिम समाज स्वेच्छा से मस्जिद ढहा रहा है।

 

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