विरासत वृक्ष वाटिका स्थापित होंगी, जानें क्या है ख़ास
विगत 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या त्रेतायुग जैसी दिखे, इसके लिए हर ऐतिहासिक व पौराणिक विरासतों को संजोने एवं संग्रहीत करने का कार्य उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है जिससे कि देश-विदेश से अयोध्या आने वाले रामभक्तों, श्रद्धालुओं व पर्यटकों को भारतीय सनातन सभ्यता व संस्कृति की झलक दिखाई पड़े।
इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा 100 वर्ष से अधिक के पुराने दुर्लभ वृक्ष को संग्रहीत व सुरक्षित रखने के लिए श्रीराम नगरी अयोध्या धाम में ‘विरासत वृक्ष वाटिका’ के नाम से एक वाटिका स्थापित करने की तैयारी की जा रही है।
अयोध्या में स्थापित होने वाली विरासत वृक्ष वाटिका के बारे में बात करते हुए वन विभाग के वन संरक्षक अधिकारी समीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार उत्तरप्रदेश के 11 जनपदों में विरासत वृक्ष वाटिका स्थापित की जानी है जिसमें अयोध्या जनपद भी चयनित है। यहां भी विरासत वृक्ष वाटिका स्थापित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जैसा कि सभी लोग अवगत हैं कि उत्तरप्रदेश सरकार ने गत वर्षों में 948 वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में चिन्हित किया है। इसमें से अधिकांश वृक्ष दीर्घायु हैं, साथ ही उनका बहुत अधिक धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व भी है। इसीलिए सरकार की यह कोशिश है कि इन सभी वृक्षों से प्लांटिंग मटेरियल लेकर हम एक स्थान पर उनका रोपण करके विरासत वृक्ष वाटिका तैयार करें जिसमें एक ही जगह पर जनमानस इन दुर्लभ धार्मिक व ऐतिहासिक वृक्षों को देख सकेगा, साथ ही इन वृक्षों के प्लांटिंग मटेरियल से जो नई पौध तैयार होगी, वह आगे के लिए भी संग्रहीत व संरक्षित बनी रहेगी।
उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से ये सभी वृक्ष अन्य वृक्षों से विशेष व दुर्लभ हैं इसीलिए इन्हें चिन्हित किया गया है। प्रदेश में लाखों प्रजाति के वृक्ष हैं जिसमें से केवल 948 वृक्ष ही दुर्लभ व खास वृक्षों में चुने गए हैं तो निश्चित रूप से उनमें कुछ खास है।
समीर कुमार ने कहा कि अयोध्याधाम विरासत की नगरी है और इन दुर्लभ, धार्मिक व ऐतिहासिक वृक्षों के संग्रहण एवं संरक्षण के लिए यहां पर विरासत वृक्ष वाटिका बनेगी। हम लोग काफी सौभाग्यशाली हैं। गत कई वर्षों से सरकार व्यापक रूप से पौधारोपण कर रही है जिसके लिए समय-समय पर जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। वन विभाग द्वारा इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।