‘सूचना का अधिकार’ का 18वां स्थापना दिवस मनाया गया

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  • हेमंत सरकार सूचना का अधिकार कानून की घोर दुश्मन : दीपेश
  • आरटीआई कानून के 18 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

झारखण्ड/राँची : भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के तत्वावधान में राँची प्रेस क्लब में सूचना का अधिकार का 18वां स्थापना दिवस आज मनाया गया। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के 18 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राज्य के विभिन्न जिलों के मंच के पदधारी सहित आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष रविकांत पासवान ने की। मौके पर पासवान ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 भारत के समस्त नागरिकों का संवैधानिक मौलिक अधिकार कानून है। देश का हर नागरिक इसका प्रयोग कर सकता है। किसी भी सरकारी लोक प्राधिकार से सूचना मांग सकता है। एक्ट में निर्धारित समय सीमा के अंदर आवेदनकर्ता को सूचना देना है। हालांकि हर अधिकारी इसका अनुपालन नहीं करते हैं। यह सूचना का अधिकार कानून की अवहेलना है।

वहीं मंच के विधि सलाहकार दीपेश निराला ने कहा कि झारखण्ड की हेमंत सरकार सूचना का अधिकार कानून की घोर दुश्मन है। अपने कार्यकाल में झारखण्ड राज्य सूचना आयोग को मृत सैय्या पर सुला दी है। सूचना आयोग में एक भी सूचना आयुक्त नहीं है। लगभग 25,000 आरटीआई का मामला आयोग में लंबित है। भ्रष्ट और निकम्मे अधिकारी गदगद हैं। राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है।

कार्यक्रम में गोड्डा के पवन तुरी व प्रदीप कुमार विधार्थी, पाकुड़ के अमित दास, साहेबगंज के लक्ष्मण यादव एवं रीता पासवान, चतरा के अनिल कुमार व गुलाब महतो, लोहरदगा के संजय कुमार पांडेय, गुमला के विरेन्द्र तिर्की, लातेहार के शब्बू सहवाज व बिनोद उरांव, देवघर के दिनेश लाल अभिषेक कुमार ने अपनी बातें रखीं।

खूंटी के अनुज कुमार, सरायकेला-खरसावां के कुंज बिहारी मंडल, गिरिडीह के ब्रजेश कुमार पाण्डेय, बोकारो के दिगंबर सिंह, राँची के प्रमोद कुमार, रेणुका तिवारी, स्वामी दिव्यानंद एवं बिनोद कुमार यादव, सिमडेगा के कृषण कुमार, हजारीबाग के जगेश्वर कुमार व विकास कुमार महतो, रामगढ़ के विक्की कुमार साहू ने भी विचार रखें। मंच संचालन केंद्रीय उपाध्यक्ष एस मृदुला ने किया।

आकाश भगत

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