बादल फटने से डूब गए सेना के कैंप, पानी में बहे 23 जवानों की तलाश

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उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे सेना के 23 जवान बह गए और उनका शिविर व वाहन डूब गए।

 

अचानक बाढ़ आने और एक बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई। घाटी के कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आए हैं।

 

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए। सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में डूबे हुए हैं। तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।

 

BRO ने बचाई 80 लोगों की जान : सीमा सड़क संगठन (BRO) बचाव अभियान चला रहा है और अभी तक 80 स्थानीय लोगों को बचा लिया गया है। सिंगताम शहर के सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और नदी तट पर बसे दिकचू गांव के निवासियों को सुरक्षित बाहर निकालकर एक नजदीकी स्कूल में पहुंचाया गया है।

 

बह गया इंद्राणी पुल : गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना लोहे का एक पुल बुधवार को तीस्ता नदी में बाढ़ आने के कारण पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है। 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था।

 

सीएम का सिंगताम दौरा : मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे स्थिति पर नजर रखने को कहा।

 

सरकार बाढ़ से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहयोग मुहैया कराने के लिए सक्रियता से काम कर रही है।

(भाषा)

Edited by : Nrapendra Gupta

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