चिकित्सक के आभाव में पत्रकार बिमल चक्रवर्ती का हुआ निधन

झारखण्ड/धनबाद : ज़िले के कतरास सालानपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार बिमल चक्रबर्ती का असामयिक निधन मटकुरिया स्थित ट्रंक्विल हॉस्पिटल में बीते शाम लगभग 6 बजे ही हो गया था। वे लगभग 54 साल के थे। फिलहाल वे दैनिक अखबार राष्ट्रीय सागर में बतौर धनबाद के प्रभारी थे एवं प्रेस क्लब धनबाद के सदस्य भी थे।
बतादें की कुछ दिन पहले धनबाद डिनोबली स्कूल के पास सड़क दुर्घटना में घायल भी हो गये थे। बीते कल अचानक उनके छाती में दर्द उठा और उनके परिबार वाले आनन फानन में मटकुरिया स्थित ट्रंक्विल हॉस्पिटल में शनिवार लगभग दोपजर 2.30 बजे भर्ती कराया। हार्ट चिकित्सक नही रहने के कारण सही समय पर सही ईलाज नही हो सका और लगभग 6 बजे वहां के कर्मचारी मरीज सीरियस का हवाला देते हुए किसी दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा। मृतक की पत्नी साथी चक्रवर्ती एवं उनकी बहन सीमा बनर्जी ने कहा कि जब हम मरीज को लाये थे उस वक्त पति उतना सीरियस नही था। अचानक सीरियस कैसे हो गया। तो उनलोगों का कहना है मृतक का जो बीमारी थी उसका ईलाज के लिए एक भी डॉक्टर हॉस्पिटल में मौजूद नही था। जानबूझकर 4 घंटा मेरे पति को हॉस्पिटल में रखा और जब मर गया तो सीरियस का हवाला देते हुए किसी दूसरे अस्पाल में ले जाने को कहा।फिर भी परिवार वाले मरीज को जालान हॉस्पिटल लेकर गया।
वहाँ के चिकित्सा ने कहा कि मरीज मर चुका है। जहाँ से ईलाज कराये है मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से मिलेगा। परिवार वाले फिर मृतक पत्रकार को जालान से ट्रंक्विल हॉस्पिटल ले आई और काफी हल्ला गुल्ला करने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया।
मृतक की पत्नी का कहना है यदि हॉस्पिटल में डॉक्टर नही था तो भर्ती क्यों लिया। उसी समय छोड़ देना चाहिये था। यदि उसी समय छोड़ देता तो वेलोग मरीज को किसी बड़े अस्पताल में ले जाकर अपने पति को बचा सकते था। पत्नी का आरोप है कि मेरे पति को एक लापरवाही के तहत मार डाला।
घटना स्थल पर स्थानीय पुलिस भी पहुंच चुकी थी। पत्नी एवं उसके परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है।उनके दो छोटे छोटे बच्चे है।उसका भरण पोषण कैसे होगा। जो एक चिंता का विषय है।
धनबाद में कई ऐसे हॉस्पिटल है जहाँ पर अच्छे डॉक्टर नही है लेकिन सीरियस से सीरियस मरीज को भी पैसे के लोभ में भर्ती ले लेते है। ऐसे अस्पतालों पर अंकुश लगना बेहद जरूरी है।
: द न्यूज़ के लिए राजेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट।