देश में रहेगी खुशहाली, बद्रीनाथ के घृत कंबल का संकेत
- देश की खुशहाली का संकेत
- बर्फबारी के बाद भी घी सूखा नहीं
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर भगवान बद्रीनाथ को ओढ़ाए गए घृत कंबल पर लेप किया गया घी का ताजा पाया जाना देश में खुशहाली का प्रतीक माना जा रहा है। बद्रीनाथ के तीर्थ पुरोहित मान रहे है कि मंदिर के कपाट खुलने पर बर्फ की फुहारों और पुष्पवर्षा के होने के भी संकेत यही हैं।
कपाट खुलने के बाद ये सब बातें किसी चमत्कार से कम नहीं मानी जा रही हैं। बद्रीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि घृत कंबल पर घी ताजा मिलने का अभिप्राय यह है कि देश में खुशहाली बनी रहेगी। बीते वर्ष भी कंबल पर लगा घी ताजा था। बाहर इतनी बर्फबारी के बाद ठंड होने के बाद भी अगर घी सूखता नहीं है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार कपाट बंद होने पर भगवान बद्रीनाथ को घी में लिपटा कंबल ओढ़ाया जाता है। माणा गांव की महिलाओं की ओर से भगवान बद्रीनाथ को चढ़ाने के लिए कम्बल उपवास रख बुना जाता है। जब शीतकाल के समय कपाट बंद होते हैं तो यह कम्बल घी में सराबोर करने के बाद भगवान को ओढ़ाया जाता है।
शीतकाल के बाद जब कपाट खोले जाते हैं तो सबसे पहले घी में लिपटे इस कंबल को हटाया जाता है। अगर कंबल का घी अधिक नहीं सूखा है तो उसे देश में खुशहाली रहने का संकेत माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि अगर कंबल का घी सूख गया या कम हो गया तो उस साल देश में सूखा या अत्यधिक बारिश की आशंका रहती है।