ICT कर्मियों को न्याय मिले और बढ़ती महंगाई के दौर में अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने लायक कार्य के अनुरूप वेतन मिले : रविन्द्र सोनार

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झारखण्ड/राँची : वर्तमान सरकार द्वारा स्कूलों में ICT योजना हेतु कुछ कंपनियों को विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों को ठेके पर बहाली करने का टेंडर दिया गया है, जिसमें कंपनियां एवं सरकार की मिलीभगत से करोड़ों रूपये का गबन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इसमें 70% केंद्र का भी पैसा लगा हुआ है, उपरोक्त आरोप झारखण्ड आईसीटी स्कूल कोऑर्डिनेटर वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक रविन्द्र सोनार व अध्यक्ष खिरोधर महतो ने लगाया है।

 

आगे उन्होंने कहा कि कुुुछ कंपनी अपनी मनमानी करती है एवं जो शिक्षक आवाज उठाते हैं उन शिक्षकों को निकालने की धमकी या उन्हें किसी कारण से निकाल दिया जाता है। इस सम्बंध में शिक्षा विभाग में बैठे पधाधिकारियों (JEPC Director /शिक्षा सचिव/ मुख्य सचिव /मुख्यमंत्री) से कई बार शिकायत किया गया परन्तु कोई करवाई आज तक नहीं हुई।

 

हमने कई सारी बातों का पता RTI के माध्यम से चला की कैसे ये कंपनियां पैसों का गबन कर रही है। उन्होंने कुुुछ कंपनी के कर्मचारियों पर बहाली के नाम पर ₹50000 से 100000 रूपये ले कर नौकरी देने की भी बात कही।

 

 

 

 

कुछ बातों जिसका संघ विरोध कर रही है :

1. पाँच वर्ष पूर्व 2017 में जो वेतन था 9476 रुपया उसे घटा कर अलग-अलग कंपनी भिन्न-भिन्न वेतन देती है कोई 7800 कोई 8200 तो कोई 8800। इस महंगाई में सरकार अपने विधायकों एवं सभी कर्मचारियों का वेतन बढ़ा सकती है तो हमारा क्यूँ नहीं (आखिर हमारा शोषण क्यों) ?

2. कंपनी ने जो भी सामान विद्यालयों में लगाया है उनकी क्वालिटी के विपरीत पैसा लिया है। जैसे एंटीवायरस जिसे किसी कंप्यूटर में नहीं दिया गया फिर भी सरकार से पैसा कंपनी ले रही है व अन्य।

 

3. कुछ कंपनी द्वारा जबरन गलत रिपोर्ट (QPR) प्रति 3 महीने में कंप्यूटर शिक्षकों से तैयार करवाया जाता है ताकि उस रिपोर्ट के माध्यम से सरकार कंपनी को आसानी से फण्ड करे, और विभाग बिना जाँच के उनको फण्ड दे देती है।

 

4. Edique Company के प्रोजेक्ट मेनेजर एवं DC द्वारा महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है, जिससे महिला शिक्षिकाओं के ऊपर कंपनी का भय बना रहे और उनका काम होता रहे।

 

5. सरकार द्वारा टीचर्स ट्रेनिंग का पैसा मिलने पर भी कंपनी किसी मास्टर ट्रेनर्स को किसी प्रकार का भत्ता नहीं देती है।

 

6. वेतन भी 6 महीनों में दिया जाता है, वेतन मांगने पर कंपनी कहती है जॉब छोड़ कर कहीं और देख लो, इस महंगाई में इतने कम वेतन के बाबजूद अगर 6 महीनों तक वेतन नहीं मिलेगा तो परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे (Edique/BCCL Pvt Ltd)

 

7. महिला शिक्षिकाओं के साथ काफी दुर्व्यवहार किया जाता है, उनको मातृत्व अवकाश एवं SL तक नहीं दिया जाता है, अवकाश मांगने पर निकाल देने का धमकी दिया जाता है।

 

8. कंपनी हमारे ही वेतन से P.F (Employee और Employer) दोनों का पैसा काट कर 4 से 6 महीनों में जमा करती है। ESIC का पैसा भी वेतन से ही काटा जाता है परन्तु उसका लाभ कभी नहीं मिलता।

 

अतः संघ सरकार से अनुरोध करती है की हम प्राइवेट कर्मियों को न्याय मिले और बढ़ती महंगाई के इस दौर में अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने लायक कार्य के अनुरूप वेतन मिले।

 

आकाश भगत

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