जानें ‘चीता परियोजना’ भारत के लिए क्यों है खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार सुबह जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क स्थित उनके बाड़े में छोड़ दिया। इस अवसर पर उन्होंने एक संदेश में कहा कि प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए क्यों आवश्यक है? पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें…
-पीएम मोदी ने कहा कि नामीबियाई चीतों के आगमन से भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना जागृत हो गई।
-कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
-कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा।
-आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। टाइगर्स की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है।
-जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं।
कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, biodiversity और बढ़ेगी।
-प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं। हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं।
-असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है।
-हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है।
-हमारे यहां एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है। आज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है।
-इसके पीछे दशकों की मेहनत, research-based policies और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है।