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  • छात्रा के भविष्य के साथ खिलवाड़ 

झारखण्ड, गिरिडीह/तीसरी : ज़िले के तिसरी प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तूरवा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकन को लेकर एक छात्रा के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसके कारण छात्रा की पढ़ाई भी छूट गई और वह परिजनों के साथ दर – बदर भटकने को मजबूर है।


जिसको लेकर धनवार विधानसभा कांग्रेस प्रभारी मगरूर आलम तिसरी स्थित कस्तूरवा गांधी बालिका विद्यालय पहुंचकर गार्ड संजय सिन्हा से बात किया लेकिन गार्ड संजय सिन्हा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस मामले में विद्यालय की वार्डन ही बताएंगी। जिसके बाद कांग्रेस प्रभारी ने वार्डन से बात करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो पाई।

 

 

अंततः कांग्रेस प्रभारी ने दूरभाष पर बीईओ को इस मामले की जानकारी देते हुए जाँच की मांग की। दूरभाष पर ही बीईओ ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की मिलीभगत से पैसे की लेनदेन की बात सामने आ रही है।

 

 

परिजनों की मानें तो तिसरी प्रखंड अंतर्गत खटपोंक पंचायत के भोक्ताडीह गांव के संजय यादव अपनी पुत्री पूनम कुमारी का नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तिसरी में करवाने के लिए आवेदन किया गया था। जिसके बाद नामांकन लिस्ट में बच्ची का नाम होने का हवाला देते हुए विद्यालय के गार्ड के द्वारा ₹10000 की मांग की गई थी। पैसे भुगतान के बाद छात्रा पूनम कुमारी को विद्यालय की ओर से किताबें और बैग भी दिया गया। कोरोना काल होने के कारण पूनम को विद्यालय के ग्रुप में शामिल कर ऑनलाइन पढ़ाई भी चालू करवा दी गई। जिसके बाद पूनम ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में जाकर कक्षा 6 और 7 की परीक्षा भी दी।

 

 

विद्यालय खुलने के बाद जब परिजनों ने सामान के साथ पूनम को विद्यालय के हॉस्टल में रखने के लिए आए तो विद्यालय की वार्डन के अनुपस्थिति का हवाला देते हुए छात्रा का सामान रखवा कर उसे अगले दिन आने को कहा गया। जिसके बाद ये दिन सप्ताहों में बीतता गया।

 

 

अंततः विद्यालय की ओर से परिजनों को कहा जाता है कि बच्ची का नामांकन लिस्ट में नाम नहीं है। वे एक – दो महीने रुक जाए बच्ची को एडजस्ट करवा दिया जाएगा।

 

 

महीनों बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो नामांकन के लिए परिजनों से विद्यालय के गार्ड संजय सिन्हा ने पुनः ₹10000 की मांग की। जिसके बाद गार्ड संजय सिन्हा द्वारा कहा जा रहा है कि किताब देने वाले लिस्ट में छात्रा पूनम कुमारी का नाम था। लेकिन एडमिशन हुआ या नहीं यह नहीं पता।

 

 

इस बाबत जब विद्यालय के गार्ड संजय सिन्हा से पूछा गया तो उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है।

 

 

वहीं विद्यालय की वार्डेन सीमा प्रवीण से फोन से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, परंतु वो कॉल काट दे रही है।

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आकाश भगत

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