चैत्र नवरात्रि विशेष : घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

0
  • चैत्र नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 2 अप्रैल 2022 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार से शुरू होगा। इस दौरान नौ दिन तक पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाएगी। इस तिथि से हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2079 भी शुरू होगा।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और जिनका समापन 11 अप्रैल को होगा। अबकी चैत्र नवरात्रि का आरंभ शनिवार को हो रहा है। इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर होगा। वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है। हालांकि कि गुप्त नवरात्रि भी आती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की लोक मान्यता ज्यादा है। इस नवरात्रि माता भक्तों को दर्शन देने के लिए घोड़े में सवार होकर आ रही हैं।

 

 

 

 

 

 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि संवत 2079 का आरंभ 2 अप्रैल से होगा और तभी चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होंगे। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्रि प्रारंभ होंगे। उस दिन घटस्थापना भी प्रत्येक हिंदू परिवार में होती है। चैत्र नवरात्रि के समय ही राम नवमी का पावन पर्व भी आता है। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की असीम कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक उपवास भी रखते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है।  देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि।
  • घोड़े पर सवार होकर आयेगी
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवीभाग्वत पुराण में जिक्र किया गया है कि शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ इस श्लोक में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है। अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं।
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अबकी चैत्र नवरात्रि का आरंभ शनिवार को हो रहा है। इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर होगा। इस वर्ष देवी अश्व पर आ रही हैं जो कि युद्ध का प्रतीक होता है। इससे शासन और सत्ता पर बुरा असर होता है। सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। किन्तु जिन लोगों पर देवी की विशेष कृपा होगी उनके अपने जीवन में अश्व की गति के सामान ही सफलता की प्राप्ति होगी। इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की आराधना करें, व्रत करें एवं मां प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करें।
  • यह होगा असर 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों में आगे कहा गया है कि जिस वर्ष दुर्गा माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं उस वर्ष जनता बहुत व्याकुल होती है। युद्ध और उपद्रव की आशंका पूरे वर्ष बनी रहती है। गर्मी बहुत पड़ती है। कहीं-कहीं क्षत्र भंग भी हो जाता है अर्थात किसी देश अथवा प्रदेश की सरकार गिरने का डर होता है।
  • शनि और मंगल का मकर राशि में रहेगा गोचर 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चैत्र नवरात्र में शनि और मंगल का मकर राशि में गोचर रहेगा। शनि और मंगल दोनों ही शत्रु ग्रह है इसलिए यह युति जीवन में बहुत ही नकारात्मक प्रभाव लेकर आ सकती है। कर्क, कन्या और धनु राशि वालों को शनि व मंगल की युति के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। जबकि मेष, मकर और कुंभ समेत अन्य राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी।
  • बृहस्पति और शुक्र कुंभ राशि में रहेंगे  
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति इस दौरान शुक्र के साथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके अलावा मीन राशि में सूर्य, बुध के साथ मेष राशि में चंद्रमा, वृषभ राशि में राहु, वृश्चिक में केतु रहेंगे। ग्रहों की ये स्थिति भी लाभकारी रहेगी।
  • घटस्थापना शुभ मुहूर्त 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के लिए शुभ मुहूर्त 02 अप्रैल सुबह 06:22 मिनट से सुबह 08;31 मिनट तक रहेगा। कुल अवधि 02 घंटे 09 मिनट की रहेगी। इसके अलावा घटस्थापना को अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 मिनट से दोपहर 12:57 मिनट तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि  की तिथियां
2  अप्रैल- नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना
3  अप्रैल- नवरात्रि द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
4  अप्रैल- नवरात्रि तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
5  अप्रैल- नवरात्रि चतुर्थी- मांकुष्मांडा पूजा
6 अप्रैल- नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
7  अप्रैल- नवरात्रि षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
8 अप्रैल- नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
9 अप्रैल- नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी
10 अप्रैल- नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री, रामनवमी
11 अप्रैल- नवरात्रि दशमी- नवरात्रि पारण
– डा. अनीष व्यास 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed