राज्यपाल ने कांगड़ा अंगेस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप एवं एनआईएफएए द्वारा आयोजित समारोह की अध्यक्षता की

शिमला  कांगड़ा जिला प्रशासन के अन्तर्गत गठित कांगड़ा अगेंस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप एवं नेशनल इंटीग्रेटिड फोरम ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट्स (एनआईएफएए) के संयुक्त तत्वधान में धर्मशाला कॉलेज मंे आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जो संगठन समाज में निरंतर प्रयासरत रहते हैं वही देश की असली ताकत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कांगड़ा अंगेस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप से प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में अनेक ऐसी संस्थाएं हैं जो अपनी विचारधारा और विचारों के अनुसार काम कर समाज के लिए एक मिसाल कायम करती हैं। उनके अनुभव समाज में पहचाने जाते हैं और हम सभी के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करते हैं।
 

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नशे पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में नशा समाज की सबसे बड़ी समस्या है। समाज में विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता लाने के लिए नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस दिशा में सभी सामाजिक संगठनों से आगे आने का आग्रह किया।
 

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उन्होंने कहा कि यदि समाज इस दिशा मंे सोचता है तभी उसके पास इस चुनौती से निपटने की शक्ति होगी। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारी सोच की ताकत है कि हमने कोरोना के विरूद्ध युद्ध में जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल के लिए हर व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए क्योंकि प्रदेश में नशीली दवाओं के उपयोग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
 

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उन्होंने पर्यावरण के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए। अगर हम पर्यावरण को ठीक प्रकार से नहीं समझेंगे तो भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान बेहतर कार्य करने वाले सभी अधिकारियों और संस्थाओं को बधाई दी और उनका आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व राज्यपाल ने विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने इस समारोह में 250 संस्थाओं को सम्मानित किया।
 
इस अवसर पर समारोह के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पर्यावरण विभाग के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल आर्य ने कहा कि समाज में बहुत शक्ति होती है और कोरोना महामारी के दौरान समाज ने किसी को भी भूखा नहीं मरने दिया। उन्होंने कहा कि इस महामारी से हमें तीन चीजें सीखने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी जीवनशैली में सुधार करें, अपनी जरूरत के अनुसार इसे पुनः परिभाषित करें और अपने जीवन को पुनः शुरू करें। उन्होंने  प्रकृति के संरक्षण पर भी बल दिया। उपायुक्त, कांगड़ा निपुण जिंदल ने कांगड़ा अगेंस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप गठित किए जाने के पीछे की सोच और कोरोना महामारी के दौरान लोगों के सहयोग व योगदान के बारे में जानकारी दी।
एनआईएफएए के उपाध्यक्ष नरेश बराना ने कहा कि यह संगठन देश के 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे हर क्षेत्र में सामाजिक कार्य कर रहे हैं और सामाजिक मुद्दों के लिए सात बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं। भारत सरकार ने एनआईएफएए को सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए शीर्ष संगठन के रूप में घोषित किया है।
एनआईएफएए की अध्यक्ष सारिका कटोच ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए संगठन की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने जिले में कोविड-19 महामारी के दौरान उनके साथ सहयोग करने वाले अन्य संगठनों के योगदान के बारे में भी अवगत करवाया। 

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