रेल मंत्री का बड़ा प्लान, रेलवे स्टेशनों का किया जाएगा पुनर्विकास

रेल मंत्रालय रेलवे स्टेशनों का तकनीकि-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन (Techo-Economic Feasibility Study) करा रहा है। यह बात रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताई। इस अध्ययन को कराकर प्रमुख पर्यटन स्थलों में स्थित स्टेशनों को विकसित करने की योजना बनाई गई है।
रेल मंत्रालय ने राज्यसभा में बताई योजना
शुक्रवार को राज्यसभा में रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि रेल मंत्रालय अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से रेलवे स्टेशनों का टेक्नो-इकोनॉमिक फीज़ेबिलिटी अध्ययन कर रहा है। इस अध्ययन के परिणामों के आधार पर स्टेशनों को चरणों में विकसित करने की योजना बनाई गई है। आपको बता दें कि विशेष रूप से प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों में स्थित स्टेशनों का पुनर्विकस किया जाएगा।
पश्चिम रेलवे के तहत गुजरात की राजधानी गांधीनगर और पश्चिम मध्य रेलवे के तहत रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (मध्यप्रदेश) को चालू किया गया है। इसी कड़ी में दक्षिण पश्चिम रेलवे के अंतर्गत बैंगलोर का सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल चालू होने के लिए तैयार है। एक विकसित स्टेशन में प्रस्तावित सुविधाओं में स्टेशन परिसर में भीड़ भाड़ मुक्त गैर-विरोधी प्रवेश निकास, यात्रियों के आगमन-प्रस्थान को अलग करना, शहर के दोनों किनारों और परिवहन प्रणालियों के अन्य साधनों के साथ एकीकरण शामिल है।
बड़े पैमाने पर पुनर्विकास की तैयारी
 इसमें बस मेट्रो समेत जहां भी संभव हो सके वहां उपयोगकर्ता के अनुकूल अंतर्राष्ट्रीय साइनेज, अच्छी तरह से प्रकाशित परिसंचारी क्षेत्र और ड्रॉप ऑफ, पिकअप और पार्किंग आदि के लिए पर्याप्त प्रावधान होंगे। इतने बड़े पैमाने पर रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास अपनी तरह का पहला और कॉन्प्लेक्स नेचर वाला है। वृस्तित टेक्नो-इकोनॉमिक फीजेबीलिटीअध्् शहरी और स्थानीय निकायों आदि से विभिन्न वैधानिक मंजूरी की जरूरत है।

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