सीबीआई अदालत ने धनबाद के न्यायाधीश की हत्या के मामले में आरोप तय किये

0
शस्त्र लाइसेंस मामले को लेकर एक्शन में CBI, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में कई स्थानों पर की छापेमारी

झारखण्ड/धनबाद : केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की 28 जुलाई, 2021 को हुई मौत के मामले में संबंधित आटो चालक एवं उसके सहयोगी के खिलाफआरोप तय कर दिये।

 

 

 

 

 

सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों लखन वर्मा और राहुल के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ी धाराओं में आरोप तय किये। इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।इस मामले में राहुल वर्मा और लखन वर्मा नामजद आरोपी हैं।

 

 

 

 

 

सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धाराओं 302, 201 और 34 के तहत आरोप तय किये।

 

 

 

 

इससे पहले 24 नवंबर 2021 को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दोनों आरोपियों के खिलाफ ऑटो चोरी करने के मामले में आरोप तय किये गये थे।

 

 

 

 

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में सीबीआई के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने आवेदन देकर जेल में बंद राहुल वर्मा और लखन वर्मा से पूछताछ की अनुमति मांगी थी।

 

 

 

 

 

अपने आवेदन में सीबीआई ने अदालत को बताया था कि मामले की जांच में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं जिसमें गहरी साजिश का इशारा मिल रहा है। इन आरोपियों से पूछताछ के बाद कुछ अहम तथ्य हाथ लगने की संभावना है। अदालत ने दोनों आरोपियों से जेल में पूछताछ करने की सीबीआई को अनुमति दे दी थी।

 

 

 

 

 

अदालत से अनुमति मिलने के बाद 29 से 31 जनवरी तक सीबीआई ने आरोपी राहुल वर्मा और लखन वर्मा से पूछताछ की जिसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धाराओं 302, 201 और 34 के तहत आरोप तय किये। पिछले वर्ष 28 जुलाई को यहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आंनद की सुबह की सैर के समय ऑटो की टक्कर से मौत हो गई थी।

 

 

 

 

धनबाद में रणधीर वर्मा चौक पर लगे सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई थी। पहले मामले का अनुसंधान एसआईटी कर रही थी। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई को अनुसंधान की जिम्मेदारी सौंपी गई। सोलह अगस्त 2021 को दोनों आरोपियों को अदालत की स्वीकृति के बाद गुजरात ले जाया गया था, जहां दोनों का नार्को और ब्रेन मैपिंग परीक्षण कराया गया था।

 

 

 

 

इस बीच हत्या के इस मामले की सीबीआई जांच की झारखंड उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर निगरानी कर रहा है। उच्च न्यायालय ने मामले की सीबीआई जांच पर अनेक बार सवाल उठाये और कहा है कि सीबीआई मामले की जांच उचित ढंग से नहीं कर रही है।

New Project (4)
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *