इंडिगो के दो विमान हवा में टकराने से बाल-बाल बचे, DGCA करेगा मामले की जांच

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इंडिगो के दो विमान आपस में टकराने से बाल-बाल बचे। ये घटना 7 जनवरी 2022 की है। मामले की जानकारी सामने आने के बाद अब इस मामले की जांच विमानन महानिदेशालय(DGCA) के द्वारा की जाएगी। सुरक्षा के उल्लंघन वाले इस मामले के बारे में देश के विमानन नियामक डीजीसीए को जानकारी दी गई थी। डीजीसीए के महानिदेशक अरुण कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी। इंडिगो एयरलाइंस ने इस पूरी घटना पर अब तक कुछ भी कहने से इंकार किया है। वहीं जांच टीम का नेतृत्व कर रहे अरुण कुमार ने न्यूज़ एजेंसी ANI बताया हम मामले की जांच कर रहे हैं और इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने न्यूज़ एजेंसी ANI को जानकारी दी कि 7 जनवरी 2022 को दो इंडिगो की दो फ्लाइट  6E455 (बेंगलुरु-कोलकाता) और 6E(बेंगलुरु-भुवनेश्वर) बेंगलुरु एयरपोर्ट पर ब्रीच ऑफ सेपरेशन में शामिल थीं। अधिकारियों के मुताबिक इंडिगो की दो फ्लाइट हवा में टकराने से बाल बाल बची थी। इस पूरे मामले में रडार ऑपरेटर और एटीसी अधिकारियों की लापरवाही सामने आई थी, आपको बता दें दो एयरक्राफ्ट एक ही हवाई पथ पर संचालित नहीं हो सकते।
400 से ज्यादा लोगों की बची जान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान दोनों फ्लाइट में करीब 400 से ज्यादा यात्री मौजूद थे, जिनकी जान बाल-बाल बच गई। डीजीसीए के अधिकारियों के मुताबिक इस घटना को किसी भी लॉग बुक में दर्ज नहीं किया गया और ना ही एयरपोर्ट अथॉरिटी से इस मामले की रिपोर्ट की गई। डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने कहा राहत की बात यह है कि रडार कंट्रोलर ने इस खामी का पता लगा लिया और अलर्ट करते हुए इसकी जानकारी दोनों विमान के पायलट को दे दी। जिससे कि यह हादसा टल गया और फ्लाइट में मौजूद यात्रियों की जान बच गई।
अधिकारियों के मुताबिक दोनों रनवे उपयोग में थे, शिफ्ट पर मौजूद अधिकारी ने नार्थ रनवे को आगमन और प्रस्थान के लिए इस्तेमाल में लेने का निर्णय किया। साउथ रनवे को बंद करने की जानकारी साउथ पावर कंट्रोलर को नहीं दी गई। साउथ टावर कंट्रोलर ने कोलकाता जाने वाली फ्लाइट 6E455 को जाने की अनुमति दे दी थी, ठीक इसी समय नॉर्थ टावर कंट्रोलर ने समन्वय के बिना भुवनेश्वर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E 246 को भी जाने की अनुमति प्रदान कर दी। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया कहा गया है कि रडार कंट्रोलर्स और एयरपोर्ट अथॉरिटी अधिकारियों के बीच संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण यह घटना घटित हुई।

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