भोपाल गैस त्रासदी की 37 वीं बरसी पर, एनजीओ ने डॉव पर निशाना साधा
भोपाल| भोपाल गैस त्रासदी की 37 वीं बरसी पर त्रासदी के पीड़ितों के हित में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों ने अमेरिका की डॉव केमिकल कंपनी द्वारा गैस पीड़ितों और प्रदूषित भूजल पीड़ितों के साथ किए जा रहे भेदभाव की निंदा की है।
भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से तीन हजार से अधिक लोग मारे गए थे और 1.02 लाख लोग अन्य प्रभावित हुए थे।
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इन संगठनों ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ एलजीबीटी अधिकार कार्यकर्ता पीटर टैचेल का पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने डॉव के सीईओ जिम फिटर लिंग को भोपाल गैस त्रासदी की कानूनी जिम्मेदारी स्वीकारने के सम्बन्ध में कहा है।
मीडिया को जारी बयान में एलजीबीटी कार्यकर्ता और भोपाल गैस त्रासदी से बची संजना सिंह ने कहा, ‘‘ एलजीबीटी प्लस हमें समाज में सभी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ लड़ना सिखाता है।’’
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उन्होंने कहा कि फिटरलिंग जो भेदभाव के खिलाफ सक्रिय होने का दावा करते हैं वहीं वह भोपाल गैस पीड़ितों के साथ भेदभाव करने वाली कम्पनी डॉव का नेतृत्व करते हैं।