मेरठ: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व
मेरठ,लोक आस्था और सूर्य देव की आराधना का महापर्व छठ सोमवार की सुबह नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। नहाय खाय के अवसर पर घरों में साफ-सफाई करने के बाद सोमवार सुबह छठ व्रतियों ने अपने घर, नदी, तालाबों में पवित्र स्नान कर छठ व्रत का संकल्प लिया। भगवान सूर्य की आराधना की। गगोल तीर्थ में पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते पर्व जोरशोर से नहीं मनाया गया था।वहां भी इस साल तैयारी जोर शोर से शुरू हो गयी है। वहीं, जेलचुंगी स्थित रामलीला मैदान में भी छठ पूजा के आयोजन की तैयारी आरंभ हो गई है।
आपको बता दे की छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य देव की उपासना और प्रकृति प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है। छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय खाय के साथ शुरू होता है। नहाय खाय के अगले दिन उपवास रख व्रती खरना पूजन करती हैं, इसके अगले दिन भगवान भास्कर को पहला अघ्र्य शाम को दिया जाता है। छठ के अंतिम दिन प्रात: काल उदयीमान सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है, और इसके साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान पूरा होता है।
सोमवार की सुबह से ही शहर में पल्लवपुरम, गंगानगर, नौचंदी स्थित राघव कुंज, तक्षशिला, सोमदत्त सिटी समेत विभिन्न इलाकों में छठ व्रतियों ने पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य की आराधना की। भगवान सूर्य और छठी मईया से चार दिवसीय महापर्व को पार लगाने के लिए प्रार्थना की। इस दौरान घरों में लौकी-चना दाल और चावल बनाकर भोग लगाया गया। अब मंगलवार (आज) की सुबह से निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। शाम में खरना/लोहंडा होगा। उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास होगा। 10 नवंबर की शाम को डूबते सूर्य और 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ ही महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा।