जीवाशम ईंधन की नई परियोजनाओं को रोकने की जरूरत : ग्रीनपीस इंडिया
नयी दिल्ली| ग्रीनपीस इंडिया ने मंगलवार को कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंचने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा सही दिशा में है, लेकिन जीवाश्म ईंधन की नई परियोजनाओं को रोकने और समयबद्ध तरीके से उन्हें उद्योग से हटाने की जरूरत है।
ग्लासगो में सीओपी-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुए ग्रीनपीस इंडिया ने कहा कि जीवाश्म ईंधन की नई परियोजनाओं को मंजूरी देने और पर्यावरण संबंधी कानूनों को कमजोर करने से भारत के जलवायु उद्देश्यों में मदद नहीं मिलेगी।
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संगठन ने एक बयान में कहा, “जलवायु लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अगले 10 वर्ष अहम होने जा रहे हैं। जितनी तेजी से और जल्दी से हो सके,कार्य योजना को स्रोत से उत्सर्जन को कम करना शुरू करना चाहिए।
वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए, हमें अभी जीवाश्म ईंधन की नई परियोजनाओं को रोकना चाहिए और उसे समयबद्ध तरीके से उद्योग से बाहर करना चाहिए।”
उसने कहा कि भारत को जलवायु संकट से निपटने के लिए प्रणालीगत और व्यावहारिक परिवर्तनों की जरूरत है। ग्रीनपीस इंडिया ने कहा, “नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंचने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा सही दिशा में हैं।अन्य महत्वपूर्ण विचार भी हैं, हमें 2030 तक ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से देश की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए अच्छे व्यवहार और समानता की जरूरत है।”
संगठन ने कहा कि कोयले में निवेश न तो धरती के लिए अच्छा है और न ही अर्थव्यवस्था के लिए।
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