क्या फिर से लगने वाला है लॉकडाउन? दहशत में दुनिया

- Covid के बाद 50 साल पुराने HMPV वायरस से निपटने के लिए भारत कितना तैयार
कोरोना के बाद अब HMPV वायरस का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है। कोरोना की शुरुआत चीन से हुई और दुनिया में इसके वायरस तबाही मचाई। कोरोना के वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम उठाए गए।
कोरोना महामारी के पांच साल बाद चीन में एक और बीमारी दस्तक दे रही है। तो क्या फिर चीन का यह वायरस दुनिया के देशों को लॉकडाउन के मुहाने पर ले जाएगा। हालांकि इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है। हालांकि भारत सरकार का कहना है कि इस वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है।
मीडिया खबरों के मुताबिक यह दुनिया के 5 देशों में फैल चुका है।
जानिए HMPV वायरस से जुड़ी हर बड़ा अपडेट :
कोरोना की तरह चीन ने छुपाया वायरस : बीते दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो शेयर किए गए जिनमें चीन के अस्पताल बड़ी संख्या में मरीजों से जूझते देखे गए। इन मरीज़ों में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिले थे। माने जाने लगा कि चीन में एक बार फिर नया वायरस लोगों के लिए चुनौती पेश कर रहा है। मीडिया खबरों के मुताबिक चीन में इस वायरस से बच्चे और बूढ़े ज्यादा प्रवावित हो रहे हैं
कोरोना ने 100 से अधिक देशों में ली थी 70 लाख से ज्यादा जानें : कोरोना वायरस की महामारी ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था और अब तक 70 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। दुनिया के सौ से अधिक मुल्कों में तबाही मचाने वाले कोविड वायरस की उत्पत्ति, चीन के वुहान के एक बाजार से मानी जाती है। हालांकि चीन हमेशा इस वायरस की उत्पति से इंकार करता आया।
भारत में अभी तक कितने मामले : भारत सरकार ने चीन वाले एचएमपीवी वायरस की भारत में अबतक दो मामलों की पुष्टि की है। खबरों के मुताबिक सबसे पहला मामला बेंगलुरु के एक अस्पताल में सामने आया है। यहां एक 3 महीने की बच्ची और दूसरा 8 महीने का बच्चा वायरस से संक्रमित पाया गया है। खास बात ये है कि दोनों ही मामलों में कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है।
2001 में हुई थी पहचान : भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि #HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह कई वर्षों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। HMPV सांस के माध्यम से हवा के माध्यम से फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है।
पड़ोसी देशों पर भी नजर : चीन में HMPV के मामलों की हालिया रिपोर्टों के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। WHO ने स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।
4 जनवरी को हुई थी बैठक : भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ICMR और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के लिए देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है। भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है। स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई। देश की स्वास्थ्य प्रणालियां और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
क्या हैं HMPV के लक्षण : एचएमपीवी वायरस के लक्षणों की बात करें तो इसमें अन्य सामान्य सर्दी वायरसों के लक्षणों की ही तरह होती है। इनमें खांसी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश या गले में जलन और दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई, विशेषकर शिशुओं और छोटे बच्चों में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
HMPV से ऐसे बच सकते हैं : कोरोना की तरह HMPV से बचाव हो सकता है। जानते हैं। जानिए इस वायरस से कैसे बचें। कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। खांसते या छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकें।
मास्क पहनने पर विचार करें और बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें। बिना धुले हाथों से अपनी आंखे, नाक और मुंह को छूने से बचें। यदि आप बीमार हैं तो खुद को अलग रखें। पहले से ही फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए।